शेयर बाज़ार की दुनिया थोड़ी उलझी हुई लग सकती है, लेकिन असल में यह इतनी भी मुश्किल नहीं है। आइए, आज हम इसकी एबीसीडी सीखते हैं, बिलकुल आसान भाषा में!
शेयर बाज़ार क्या है? (What is Share Market?)
सोचिए, कुछ दोस्त मिलकर एक कंपनी खोलते हैं। उन्हें और पैसे की ज़रूरत है, तो वे अपनी कंपनी के छोटे-छोटे हिस्से लोगों को बेचते हैं। इन हिस्सों को ही शेयर कहते हैं। और जहाँ ये शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, उस जगह को शेयर बाज़ार कहते हैं। यह एक तरह का ऑनलाइन मार्केटप्लेस है, जहाँ आप कंपनियों में हिस्सेदारी खरीद और बेच सकते हैं।
शेयर क्यों खरीदते हैं? (Why Buy Shares?)
जब आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं, तो आप उस कंपनी के एक छोटे से हिस्से के मालिक बन जाते हैं। अगर कंपनी तरक्की करती है और उसका प्रॉफिट बढ़ता है, तो आपके शेयर्स की वैल्यू भी बढ़ जाती है। इसके अलावा, कुछ कंपनियां अपने प्रॉफिट का एक हिस्सा शेयरहोल्डर्स के साथ शेयर करती हैं, जिसे ‘डिविडेंड’ कहते हैं। यह आपकी इन्वेस्टमेंट पर एक तरह का रिटर्न होता है।
कुछ ज़रूरी टर्म्स (Some Important Terms):
चलिए, अब कुछ ऐसे शब्दों को समझते हैं जो आपको अक्सर शेयर बाज़ार की बातों में सुनने को मिलेंगे:
शेयर (Share): जैसे मैंने बताया, यह किसी कंपनी में आपका छोटा सा हिस्सा है। जब आप शेयर खरीदते हैं, तो आप उस कंपनी के एक छोटे से मालिक बन जाते हैं!
बुल मार्केट (Bull Market): ‘बुल’ यानी सांड। आपने देखा होगा, सांड हमेशा अपना सींग ऊपर की ओर उठाता है। जब शेयर बाज़ार में सब कुछ अच्छा चल रहा होता है, ज़्यादातर कंपनियों के शेयर की कीमतें बढ़ रही होती हैं, तो इसे बुल मार्केट कहते हैं। मानो बाज़ार ऊपर की ओर भाग रहा है!
बेयर मार्केट (Bear Market): ‘बेयर’ यानी भालू। भालू हमला करते समय अपने पंजे नीचे की ओर मारता है। जब शेयर बाज़ार में मंदी आती है, ज़्यादातर कंपनियों के शेयर की कीमतें गिरने लगती हैं, तो इसे बेयर मार्केट कहते हैं। मानो बाज़ार नीचे की ओर झुक रहा है!
डिविडेंड (Dividend): मान लीजिए, आपकी कंपनी ने बहुत अच्छा मुनाफा कमाया। तो कंपनी उस मुनाफे का कुछ हिस्सा अपने शेयरहोल्डर्स (जिन्होंने शेयर खरीदे हैं) के साथ बाँटती है। इस बँटे हुए हिस्से को ही डिविडेंड कहते हैं। यह कंपनी की तरफ से अपने इन्वेस्टर्स को एक तरह का रिवॉर्ड होता है।
आईपीओ (IPO – Initial Public Offering): जब कोई नई कंपनी पहली बार अपने शेयर आम लोगों को बेचने के लिए बाज़ार में आती है, तो उसे आईपीओ कहते हैं। यह कंपनी के लिए पैसे जुटाने का एक तरीका होता है, और आपके लिए उस कंपनी में शुरुआत में ही इन्वेस्ट करने का मौका!
ट्रेडिंग (Trading): शेयर बाज़ार में शेयर्स को खरीदना और बेचना ‘ट्रेडिंग’ कहलाता है। यह इंट्राडे (एक ही दिन में खरीदना और बेचना) से लेकर लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट तक कई तरह का हो सकता है।
इन्वेस्टमेंट (Investment): अगर आप लंबे समय के लिए सोचकर शेयर खरीदते हैं, तो उसे इन्वेस्टमेंट कहते हैं। इसका मतलब है कि आपको विश्वास है कि कंपनी आगे चलकर अच्छा करेगी और आपके शेयर की कीमत बढ़ेगी।
इन्वेस्टर (Investor): वह व्यक्ति जो किसी कंपनी के शेयर्स में लॉन्ग-टर्म के लिए पैसा लगाता है, यानी लंबे समय तक उन शेयर्स को अपने पास रखता है, ‘इन्वेस्टर’ कहलाता है।
ब्रोकर (Broker): शेयर बाज़ार में सीधे तौर पर आप शेयर्स नहीं खरीद या बेच सकते। इसके लिए आपको एक ‘ब्रोकर’ की ज़रूरत होती है। ब्रोकर एक तरह से आपके और शेयर बाज़ार के बीच का मीडिएटर होता है। आजकल कई ऑनलाइन ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म्स भी मौजूद हैं।
सेबी (SEBI – Securities and Exchange Board of India): यह भारत में शेयर बाज़ार की रेगुलेटरी बॉडी है। इसका काम इन्वेस्टर्स के हितों की रक्षा करना और शेयर बाज़ार को सही तरीके से चलाना है।
शुरुआत कैसे करें?
अगर आप शेयर बाज़ार में कदम रखना चाहते हैं, तो आपको कुछ चीज़ों की ज़रूरत होगी:
- एक डीमैट अकाउंट (Demat Account): यह आपके खरीदे हुए शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में रखने के लिए होता है।
- एक ट्रेडिंग अकाउंट (Trading Account): यह आपको शेयर खरीदने और बेचने की सुविधा देता है।
आप किसी भी रजिस्टर्ड ब्रोकर के पास ये अकाउंट खुलवा सकते हैं।
इन्वेस्टमेंट कैसे करें? (How to Invest?)
अगर आप शेयर बाज़ार में इन्वेस्ट करना चाहते हैं, तो आपको कुछ स्टेप्स फॉलो करने होंगे:
- सबसे पहले एक अच्छा ब्रोकर चुनें और उसके साथ एक डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलें।
- अपनी इन्वेस्टमेंट की गोल और रिस्क लेने की क्षमता को समझें।
- अच्छी तरह से रिसर्च करें कि आप किस कंपनी में इन्वेस्ट करना चाहते हैं। कंपनी के फंडामेंटल्स, उसका बिजनेस मॉडल और फ्यूचर ग्रोथ पोटेंशियल को देखें।
- धीरे-धीरे और सोच-समझकर इन्वेस्ट करें। कभी भी सारा पैसा एक ही बार में या एक ही कंपनी में न लगाएं।
- अपने इन्वेस्टमेंट्स को समय-समय पर रिव्यू करते रहें।
कुछ ज़रूरी बातें (Some Important Points):
- शेयर बाज़ार में इन्वेस्टमेंट में रिस्क होता है। आपकी इन्वेस्टमेंट की वैल्यू घट भी सकती है। इसलिए, हमेशा उतना ही पैसा इन्वेस्ट करें जितना आप खोने का जोखिम उठा सकते हैं।
- कभी भी किसी के कहने पर या बिना सोचे-समझे इन्वेस्ट न करें। अपनी रिसर्च ज़रूर करें।
- धैर्य रखें। शेयर बाज़ार में अच्छा रिटर्न मिलने में समय लग सकता है।
ज़रूरी बातें
शेयर बाज़ार में उतार-चढ़ाव आता रहता है। कभी आपको फायदा होगा, तो कभी थोड़ा नुकसान भी हो सकता है। इसलिए, हमेशा सोच-समझकर और अपनी जोखिम लेने की क्षमता के अनुसार ही इन्वेस्ट करें। ज़्यादा जानकारी के लिए आप किसी वित्तीय सलाहकार से भी सलाह ले सकते हैं।
यह तो बस शेयर बाज़ार की एबीसीडी है। जैसे-जैसे आप इसमें आगे बढ़ेंगे, आपको और भी बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। उम्मीद है, यह आर्टिकल आपको शेयर बाज़ार की बेसिक बातें आसानी से समझने में मदद करेगा। अगर आपके कोई सवाल हैं तो बेझिझक पूछ सकते हैं!